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कवि ऋषि कुमार शर्मा च्यवन की कलम से

बरेली- कवि ऋषि कुमार शर्मा च्यवन द्वारा लिखित पुस्तक अप्रतिम देशभक्त कर्नल पतंजलि शर्मा जिन्होंने 15 वर्ष की आयु में स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया और कारागार में निरूद्ध रहे,व्यक्तित्व और कृतित्व पर लिखित पुस्तक का विमोचन जिला कारागार में अधीक्षक डॉक्टर विनय कुमार के कर कमलों द्वारा किया गया,इस अवसर पर एक राष्ट्रीय कवि सम्मेलन भी आयोजित किया गया।

जिसमें बरेली से ओज के सशक्त हस्ताक्षर कमलकांत तिवारी, हास्य सम्राट राजीव गोस्वामी,श्रृंगार की कवियत्री उन्नति शर्मा ने अपनी रचनाओं से जेल परिसर गुंजायमान कर दिया,बदायूं के काव्य जगत के चमकते सितारे षटवदन शंखधर,प्रदीप दुबे,विनोद सक्सेना बिन्नी,भारत शर्मा की रचनाओं ने भी समा बांध दिया,इन कवियों की बारात के दूल्हे रूपी कवि मुंबई के हास्य के दिग्गज हरीश शर्मा यमदूत ने अपनी हास्य रचनाओं से समस्त जेल के बदियों और जेल कर्मियों को लोटपोट कर दिया गया।

उसी दिन रोटरी क्लब बिसौली के विशेष आमंत्रण पर कवियों ने अपनी रचनाओं से देर रात तक बहुत बड़ी संख्या में उपस्थित श्रोताओं को आनंदित किया,जिसके मुख्य अतिथि के रूप में क्षेत्राधिकारी बिसौली भी उपस्थित रहे, इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के सम्मुख कार्यक्रम अध्यक्ष मुंबई के हास्य कवि हरीश शर्मा यमदूत एवं कवि ऋषि कुमार शर्मा द्वारा संयुक्त रूप सें रोटरी अध्यक्ष डॉ.मनोज महेश्वरी सचिव आलोक गर्ग एवं कोषाध्यक्ष अजित अग्रवाल तथा वरिष्ठ रोटरी पदाधिकारी सुभाष चंद्र अग्रवाल आदि।

सहयोग से दीप प्रज्वलन एवं श्री दत्त शर्मा मुंतज़िर की सरस्वती वंदना से प्रारम्भ किया गया,जिसमें बड़ी संख्या में रोटरी क्लब के सदस्य और उनके परिवार वाले उपस्थित थे,मुंबई से पधारे हास्य के राष्ट्रीय कवि हरीश शर्मा यमदूत ने अपनी हास्य कविता सुनाते हुए कहा कि हमसे मिलने जेल आ जाना,बोलना यमदूत से मिलना है,अगर हम नहीं मिले तो हमें बताना, यमदूत तुम्हारे घर खुद आ जाएगा,कवि पंडित साहित्य कुमार चंचल ने अपनी रचना प्रस्तुत करते हुए कुछ यूं कहा कि सुख कहीं बिकता नहीं वह प्रेम का निथार है।

दुख जिसको जो मिला अविवेक का प्रहार है,कवि ऋषि कुमार शर्मा च्यवन ने आवाहन करते हुए कहा कि दिल की महफिल सजी है तुम्हारे लिए, मुंतज़िर हूं तुम्हारा चले आइये कवि सतीश दीक्षित ने रस वर्षा करते हुए कहा कि इतिहास गवाह है भारत ने सदैव पुण्य काम किये,इसीलिये तो सृष्टि रचैया ने भारत को अयोध्या धाम दिये,श्रंगार की सशक्त हस्ताक्षर गीता शर्मा ने कुछ यूं कहा कि ज़िदगी की किताब है नारी दुख सहती बे हिसाब है नारी,नाम पर ही है दहेज के मारे इन ग़मों का जवाब है।

नारी कवि युवा कवि आकाश पाठक ने अपनी पढ़ते हुए कहा कि चमकीला सा बैठा है आकाश में एक रवि है,हर मूरत प्यारी होती है सुंदर एक छवि है बिसौली के जानदार एवं शानदार मशहूर शायर श्री दत्त शर्मा मुंतज़िर तथा अभिक्ष पाठक आहत ने अपनी गज़लों से ऐसा समां बांधा की लोग देर तक तालियां बजाने पर मजबूर हो गए,अंत में मुख्य अतिथियों एवं रोटरी के पदाधिकारियों द्वारा उपस्थित कवि एवं शायरों को माल्यार्पण कर एवं स्मृति चिन्ह
देकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम का सफल संचालन शायर श्री दत्त शर्मा मुंतज़र द्वारा बहुत सुंदर ढंग से किया गया,उल्लेखनीय है बदायूं और बिसौली के दोनों बहुत भव्य कार्यक्रम वरिष्ठ कवि ऋषि कुमार शर्मा चवन के संयोजन में आयोजित किए गए थे,कवि ऋषि कुमार शर्मा च्यवन बरेली।

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