राष्ट्रीय मानव सेवा संस्थान द्वारा कार्यक्रम का किया गया आयोजन
बरेली– राष्ट्रीय मानव सेवा संस्थान ने बरेली स्थित बड़े डाकघर के सामने महापौर उमेश गौतम के सिटी कार्यालय में “एक शाम ढले सौ दीप जले” कुंदनसिया शीला देवी साहित्य सम्मान “कार्यक्रम किया गया,कार्यक्रम की अध्यक्षता वीरेंद्र प्रसाद खंडेलवाल ने की संचालन मनोज दीक्षित और आकाशवाणी बरेली प्रसारण के रविंद्र कुमार मिश्रा ने किया,कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महापौर डॉ.उमेश गौतम का राष्ट्रीय मानव सेवा संस्थान के राष्ट्रीय महामंत्री नरेंद्र पाल ने उनको शाल ओढ़ा कर एवं राष्ट्रीय मानव सेवा संस्थान का स्मृति चिन्ह देकर कार्यक्रम में सम्मान किया।
महापौर उमेश गौतम से बृजेश आकिचन को अपनी कलम की निपुणता और साहित्य रचना में सम्राटता के लिए शाल ओढ़ा कर एवं संस्थान का स्मृति चिन्ह दिला कर सम्मान कराया,इसी कड़ी में साहित्य कवित्री सत्यवती सिंह सत्य को भी साहित्य पाठ करने पर राष्ट्रीय मानव सेवा संस्थान की राष्ट्रीय अध्यक्ष बिंदु सक्सेना ने उने शाल ओढ़ा कर संस्थान का स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया,आयोजन में बरेली शहर की तमाम साहित्य एवं हास्य विभूतियों ने अपने काव्य पाठ से आयोजन में आए सभी अतिथियों को भाव विभोर कर दिया।
इस मौके पर राष्ट्रीय मानव सेवा संस्थान की राष्ट्रीय अध्यक्ष बिंदु सक्सेना ने बताया यह आयोजन मेरे स्वर्गवासी पिता कुंदन माता सिया और महामंत्री नरेंद्र पाल की माता शीला देवी की स्मृति में आयोजित किया गया है,जिसमें रणधीर प्रसाद गौड राजकुमार अग्रवाल डॉ.रेनू श्रीवास्तव, कमलकांत,राम प्रकाश सिंह आदि साहित्य एवं हास्य कवियों ने अपने स्वर कविताओं के शब्दों से जाने कहां चले जाते हैं वह लोग जो कभी लौटकर नहीं आते हैं,पंक्तियों से कुंदनसिया और शीला देवी को श्रद्धा सुमन भरी श्रद्धांजलि देकर नमन कर साहित्य पाठ किया।
कवियों ने सुंदर-सुंदर रचनाएं कविताएं, गजलें सेर देश भक्ति गीत राष्ट्रीय महामंत्री नरेंद्र पाल ने आयोजन में आए सभी अतिथियों को नमन एवं आभार प्रकट करते करते हुए कुंदनसिया और अपनी माता शीला देवी को उनके चित्र पर मलार्पण उनके चरणों में पुष्पांजलि दी साहित्य सम्मान समारोह कार्यक्रम में राष्ट्रीय अध्यक्षा बिंदु सक्सेना,राष्ट्रीय महामंत्री नरेंद्र पाल,राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राकेश कुमार मौर्य,संरक्षक जे.आर गुप्ता,सदस्य रामकिशोर,मुकेश मेहंदीदत्ता,खंडेलवाल खत्री सभा के अध्यक्ष विधान टंडन आदि मौजूद रहे।