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अंग्रेजों के जमाने के इमामबाड़ा पर मनाया गया मोहर्रम
बरेली– पुराने शहर में मोहर्रम की नो तारिख बहुत अमन चैन से मनाई गई और मदिना शाह के इमामबाड़े पर एक इमामबाड़ा है जो की बताते हैं कि दो सौ साल से भी ज्यादा पुराना है और इसके पास एक कुआं भी है जिसको यहाँ के लोग परियों वाला कुआं कहते हैं यहाँ के लोगो का कहना है कि जो कोई भी इसमें चीनी डलता है तो उसकी मन की मुराद पूरी हो जाती है तो यहा पर नौ तारिख को हजारों की तादात में लोग यहा आते हैं और अपने अपने मन की मुरादें पाते हैं।
इस ऐतिहासिक इमामबाड़े पर पूरी रात लोगों का जमघट लगा रहता है यहाँ पर सैकड़ों की तादाद में लोग मन्नत मांगते हैं,यह परियों का कुआं अपने आप में अनूठा कुआं है जहां पर इसे देखने वालों का तांता लगा रहता है।