पाकिस्तानियों का लिट्रेचर और तकरीरें ना सुने मुस्लिम नौजवान-मौ.शहाबुद्दीन
बरेली-ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने प्रेस को जारी किये एक बयान में कहा कि गाजियाबाद की घटना ने सबको चिंतित कर दिया है कि गेम के जरिए एक पाकिस्तानी ऐप यूथ क्लब से कुछ नौजवान जुड़े है और उनको धर्मांतरण करने के लिए लालच का सहारा लिया व पुरलोभन दिया गया।
इस्लाम मज़हब में स्पष्ट है कि लालच और डराकर य दबाव डालकर किसी भी व्यक्ति का धर्मांतरण करना जायज नहीं है,अगर पैग़म्बरे इस्लाम की पूरी जिंदगी देखें तो उनकी जिंदगी में कोई भी इस तरह की एक घटना नहीं हुई, उनके अख्लाक व मोहब्बत और प्यार से ही लोगों ने धर्म तबदील किया। बिल्कुल इसी तरह भारत में सूफियों का भी तरीका रहा है सूफियों ने भी भारत में प्यार मोहब्बत और दिलों को जोड़ने का काम किया।
वही गाजियाबाद में नौजवान गेम के जरिए धर्मांतरण कराए गए ये पाकिस्तानी ऐप है बहुत सारे पाकिस्तानी ऐपो के जरिए आतंकवादी गतिविधियां भी की जाती रही है,ये देशवासियों के लिए चिंता का विषय है, नेट व सोशल मीडिया एक ऐसा प्लेटफार्म है जिस पर हुकूमत के अलावा कोई पाबंदी नहीं लगा सकता है,अगर हुकूमत चाहे तो समाज को तोड़ने वाली,देश विरोधी,नफरत फ़ैलाने वाली साइड पर पाबंदी लगा सकती है,पाकिस्तान के बहुत सारे विद्वान दुनिया के मुख्तलिफ हिस्सों में रह कर अपनी गतिविधियां चला रहे हैं।
मौलाना ने कहा कि मैं भारत के तमाम मुस्लिम नौजवानों से अपील कर रहा हूं कि पाकिस्तान द्वारा संचालित सोशल मीडिया को न देखें और उनके ऐपो से ना जुड़े,पाकिस्तानी विद्वानो की तकरीरें न सुने,भारतीय विद्वानों की ही तकरीरें सुने,क्योंकि पाकिस्तानी विद्वान कश्मीर के मुद्दे को लेकर भारत की छवि पूरी दुनिया में खराब करने की कोशिश करते हैं और कश्मीरी मुसलमानों को भारत के खिलाफ भड़काने और उकसाने का भी काम करते हैं।