फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्रों पर नौकरी करने का आरोप,फिर भी नहीं हो रही कोई कार्यवाही
बरेली– एक व्यक्ति द्वारा फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्रों के जरिए नौकरी करने का मामला प्रकाश में आया है,फर्जी प्रमाण पत्रों के जरिए नौकरी करने वाले व्यक्ति ने फर्जीबाड़े की सारी हदें पार कर दीं,शिकायतकर्ता के नाम का फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर ये साबित करने की कोशिश की,कि शिकायतकर्ता ने कोई शिकायत नहीं की है।
दरअसल यह पूरा मामला बरेली तहसील सदर में सामायिक संग्रह अनुसेवक के पद पर मोहम्मद फारूक पुत्र गुलामुद्दीन निवासी परसौना थाना बिथरी चैनपुर सीजनल में अपने कक्षा 8 के शैक्षिक प्रमाणपत्रों के जरिये नौकरी करता था जिसमें उसकी पूर्व माध्यमिक विद्यालय मोहनपुर विकाश क्षेत्र की मार्कशीट व टीसी दाखिल की थी,जिसमें उसकी जन्मतिथि 20.09.1958 अंकित है,मोहम्मद फारूख जब परमानेंट हुआ तो वो ओवरएज हो चुका था
तो उसने फर्जीवाड़ा कर आदर्श जगत विद्यालय नवदिया थाना भुता की फर्जी मार्कशीट दाखिल की जिसमे उसकी जन्मतिथि 05.07.1972 अंकित दिखाई और नौकरी हासिल कर ली,यह सारे कारनामे मोहम्मद फारूख के साथ नौकरी करने वाले शिवसरन लाल को पता थे,मोहम्मद फारूख ने धांधली करते हुए शिवसरन को नौकरी नहीं मिलने दी,वही इस मामले में फर्जीवाड़े का खुलासा करते हुए शिवसरन लाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया कि उसने इसकी कई जगह शिकायत की।
इस मामले में उसने जिला अधिकारी से भी शिकायत की,तब जिला अधिकारी द्वारा बेसिक शिक्षा अधिकारी से दोनों शैक्षिक प्रमाण पत्र की जांच करने हेतु कहा गया जिसमें बेसिक शिक्षा अधिकारी ने यह लिखा कि मोहम्मद फारूक ने पूर्व माध्यमिक विद्यालय मोहनपुर से कक्षा आठ की शिक्षा ग्रहण की और उसकी जन्मतिथि 20.09.1958 है और आदर्श जगत विद्यालय नवदिया की टीसी मार्कशीट लगाई गई है वह विद्यालय में बजूद में है ही नहीं।
वही तहसीलदार ने इस मामले में यह रिपोर्ट दी कि आदर्श जगत विद्यालय नवदिया की मार्कशीट असली है और इसके अलावा मोहनपुर में मोहम्मद फारूक है कोई शिक्षा ग्रहण नहीं की है,वही शिवसरन का आरोप है कि मोहम्मद फारूक ने खुद को फसता देख शिवसरन लाल का एक फर्जी शपथ पत्र लगाया, जिसमें शिवसरन लाल के फर्जी हस्ताक्षर किए गये और लिखा कि उसके द्वारा कोई शिकायत नहीं की गई है और जांच में शामिल करते हुए उसको बचाया।
दरअसल अब सोचने वाली बात यह है कि बीएससी की रिपोर्ट में यह साफ हो गया कि मोहम्मद फारूक के शैक्षिक प्रमाण पत्र फर्जी है,मगर उसके बाद में तहसीलदार ने मोटी रकम के सहारे मोहम्मद फारूक को जांच में निर्दोष साबित कर दिया, शिवसरन लाल ने फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्रों के सहारे नौकरी हासिल करने वाले मोहम्मद फारूक के खिलाफ पिछले कई वर्षों से शिकायत की है,मगर अभी तक यह साबित होने के बाद भी कि उसके शैक्षिक प्रमाण पत्र फर्जी है,बाबजूद इसके अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं हुई हैं।