कला जीवन के लिए संजीवनी- आचार्य देवेन्द्र देव
बरेली– कला से जुड़ाव और प्रभाव’ विषय पर संस्कार भारती हरियाणा प्रान्त,माल्यार्थ फाउंडेशन हरियाणा प्रान्त और निनाद फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘कला-संवाद’ संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में उक्त विचार, महाकाव्यों के क्षेत्र में विश्व कीर्तिमान रचने वाले देश के प्रख्यात कवि साहित्यकार बरेली के आचार्य देवेंद्र देव ने श्रीमती सुषमा स्वराज कन्या महाविद्यालय बल्लभगढ़ (फरीदाबाद) के राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर के उद्घाटन सत्र में व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि दीर्घ और स्वस्थ जीवन के लिए कला संजीवनी का काम करती है इसलिए कला से जुड़कर हर पीढ़ी चिन्ताओंं के भार को कम करके अपने जीवन को सरस बना सकती है। उदाहरण देते हुए कहा कि आज जब म्यूजिकल थेरेपी से दूध देने वाले पशु भी प्रभावित होकर अधिक दूध उत्पादित करते हैं,तो जो व्यक्ति कला साधना से संवेदना से जुड़कर नहीं चलता,वह पशुओं से भी बदतर है।
इस सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में क्षत्रिय महासभा के अध्यक्ष प्रताप भाटी एवं संगोष्ठी अध्यक्ष के रूप में महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ.ऋतिका गुप्ता ने भी अपने विचार व्यक्त किये,इस सत्र का कुशल संचालन प्रवक्ता डॉ.सौरभ त्रिपाठी ने किया और कला-संवाद संगोष्ठी के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए मुख्य वक्ता का परिचय माल्यार्थ फाउंडेशन की हरियाणा प्रान्त संयोजिका सुश्री कोमल वत्स द्वारा किया गया।
इस सुअवसर पर महाविद्यालय से डॉ.भावना कौशिक, शिवानी यादव,डॉ.सपना नागपाल,रमनप्रीत कौर,संस्कार भारती के हरियाणा प्रांत महामंत्री अभिषेक गुप्ता,प्रान्त प्रचार-प्रसार प्रमुख उदितेन्दु वर्मा ‘निश्चल’, प्रान्त सह प्रचार-प्रसार प्रमुख नयनिका घोष, राजेश्वर कौशिक,वैद्य लेखराज एवं माधव सहित सैकड़ों छात्राओं की उपस्थिति रही-कवि ऋषि कुमार शर्मा च्यवन
बरेली।