कवि ऋषि कुमार शर्मा च्यवन की कलम से
बरेली– ज़िदगी तो बेवफा है एक दिन ठुकराएगी,मौत महबूबा है अपने साथ लेकर जाएगी कवि ऋषि कुमार शर्मा के द्वारा अवगत कराया गया कि कुछ वर्षों पूर्व लीजेंड किशोर कुमार द्वारा गाई गईं यह पंक्तियां उस समय चरितार्थ हो गईं जब स्वयं यमदूत अपनी महबूबा के साथ यम लोक चले गए,अभी 28 तारीख को बदायूं कारागार और बिसौली के सफल कवि सम्मेलनों के पश्चात दिनांक 29 जनवरी को हरीश शर्मा यमदूत हास्य कविता के सशक्त हस्ताक्षर मुंबई के लिए रवाना हुए थे,उस समय क्या जानता था कि यह उनसे आखिरी भेंट होगी।
एक हंसमुख,अजातशत्रु, सबसे प्रेम करने वाले,सबको साथ लेकर चलने और सबको प्रोत्साहित करने वाले बरेली के मूल निवासी राष्ट्रीय हास्य कवि हरीश शर्मा यमदूत का कल मुंबई में अपने अस्थाई निवास स्थान से यमलोक गमन हो गया,मूल रूप से जेल के कर्मचारी रहे हरीश शर्मा यमदूत ने उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड में अनेेक जेलों में सेवा की,और वहीं से सेवानिवृत्त हुए,जेलों में कवि सम्मेलनों की परिपाटी उन्हीं की देन है,विभिन्न जेलों में वे अपने विभिन्न कवि साथियों को कवि सम्मेलन हेतु लेकर जाते थे।
मुझे उनके साथ फतेहगढ़,बुलंदशहर,नोएडा आदि जेलों में काव्य पाठ हेतु जाने का सौभाग्य मिला,मार्च में कई अन्य जेलों में उनके साथ कवि सम्मेलनों में जाने की योजना बन रही थी,जो अब कभी कार्यान्वित नहीं हो सकेगी,अब जेल का प्रत्येक कवि सम्मेलन उनके बिना और उनके हास्य के बिना सूना रहेगा,हरीश शर्मा यमदूत हास्य कवि को विनम्र श्रद्धांजलि।