आला हजरत की पुस्तकों का संग्रहालय हुआ तैयार-मौलाना शहाबुद्दीन
बरेली– आला हजरत इमाम अहमद रजा फाजिले बरेलवी के उर्स की तैयारियां चल रही है, दुनिया भर से आने वाले जायरीन के खाने पीने और रहने-सहने की व्यवस्थाओं में समितियां लगी हुई है,मगर आला हजरत का जो सबसे बड़ा कारनामा है वो उनके द्वारा लिखी गई पुस्तकें हैं,जो एक अंदाजे के मुताबिक लगभग आला हजरत ने एक हजार से ज्यादा पुस्तकें लिखी है,इन पुस्तकों को एक जगह जमा करने और शोध कार्य को आगे बढ़ाने की दिशा में इस्लामिक रिसर्च सेंटर स्थित दरगाह आला हजरत ने एक लाइब्रेरी स्थापित की है।
संस्था के निर्देशक मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी का कहना है कि देश और विदेश से आने वाले रिसर्च स्कॉलरो को एक जगह किताबें नहीं मिल पाती थी जिसकी वजह से शेद्ध कर्ताओं को लिखने पढ़ने की समस्याओं का सामना करना पड़ता था,मगर अब उन लोगों को आसानी होगी और एक जगह बैठकर रिसर्च का काम आसानी के साथ कर सकते हैं।
मौलाना ने बताया कि इस लाइब्रेरी के कायम करने से देश और विदेश के उलमा व बुद्धजीवियों में खुशी की लहर दौड़ गई है वही सऊदी अरब, मिर्स,पाकिस्तान, बंगलादेश,नेपाल अमेरिका और साउथ अफ्रीका आदि विभिन्न देशों के रिसर्च इस्कौलर सीधे तौर पर सम्पर्क में हैं जो भारत के राज्यों में स्थापित विभिन्न विश्वविद्यालयों में हो रहे आला हजरत पर पीएचडी का काम करने वाले एक दर्जन से ज्यादा अब तक इस्लामिक रिसर्च सेंटर की लाइब्रेरी में आ चुके हैं।
इसी संदर्भ में लाइब्रेरी की चर्चा केरला और तमिलनाडु के उलमा में जब पहुंची तो वो लोग दरगाह आला हजरत पर हाजरी देने के बाद लाइब्रेरी देखकर अपनी खुशी का इजहार करते हुए कहा ये वक्त की जरूरत थी,इनमें मुख्य रूप से सिपी ओबैद सकाफी,डा.फारूख नाईमी,मौलाना नौशाद आलम,शाफे शाफ़ई आदि का नाम लिया जा सकता है।
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने ये भी बताया कि अब तक 30 से ज्यादा पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है , उसी की कड़ी में एक पुस्तक जिसका नाम “मुफ्ती ए आजम हिन्द और उनके खुलफा” है गत दिनों इस पुस्तक का विमोचन करने के लिए केरला के राज्यपाल श्री आरीफ मोहम्मद खां आ चुके हैं, राज्यपाल ने मौलाना द्वारा लिखी गई किताब पर उनकी पिठ थपथते और शाबाशी देते हुए कहा कि बुजूरगो की विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए किताब ही एक बड़ा माध्यम है, ये सिलसिला जारी रहना चाहिए।