पुलिस ने फैलाई आग लगने की फर्जी खबर,डिजिटल अरेस्ट हुए डॉक्टर को 50 लाख की ठगी से बचाया
बरेली- बारादरी थाना क्षेत्र के एक प्रसिद्ध डॉक्टर को साइबर अपराधियों को सात घंटे तक कैद कर लिया था, गनीमत रही पुलिस और परिवार की मदद से डॉक्टर के साथ होने वाली 50 लाख की ठगी से बचा लिया गया, दरसल एसपी सिटी मानुष पारिक को इमरान खां नामक व्यक्ति ने सूचना दी कि उनके चाचा डा.नजबुल हसन निवासी फाईक इन्कलेव थाना बारादरी जिनकी डिस्पेन्सरी पुराना शहर की सूफीटोला में है,वह किसी से मोबाइल से बात करते हुए घर आये और बैंक आदि के कागजात लेकर घरवालों को बिना बताये स्कूटी से कही चले गये है।
वह फोन करने पर फोन नहीं उठा रहे है,इसके बाद एसपी मानुष परिक ने मामले में संज्ञान लेते हुए सर्विलांस और शहर में लगे कैमरों की मदद से डॉक्टर नजबुल को ढूंढने के प्रयास शुरू कर दिये साथ ही बारादरी पुलिस ने मामले में परिजनों से बात की,उन्होंने पुलिस को बताया कि कि डा. नजबुल हसन को कही से फोन आया और बताया गया था कि उनका आधार कार्ड गलत काम हवाला के लेन-देन में प्रयोग हुआ है,इसके बाद पुलिस को स्पष्ठ हो गया कि मामला डिजिटल अरेस्टिंग से जुड़ा हो सकता है।
पुलिस को सर्विलांस टीम ने डॉक्टर नजबुल की लोकेशन होटल ‘कन्ट्री इन’ पीलीभीत बाईपास की थी,जब पुलिस ने तलाश शुरू की तो डॉक्टर की स्कूटी होटल के बाहर पायी गयी,होटल स्टाफ से पूछताछ में पता चला कि डा.नजबुल हसन द्वारा तीन दिन के लिए कमरा बुक कराया है,पुलिस ने होटल स्टाफ को लेकर कमरे को खुलवाने का प्रयास किया दरवाजा नहीं खुलने पर दरवाजे से कान लगाकर सुना गया कि कोई व्यक्ति डॉक्टर को वीडियो कॉल पर निर्देश दे रहा है कि दरवाजा मत खोलना,उन्हें बोलो की तुम बहुत व्यस्त हो और तुम्हें किसी भी चीज की आवश्यकता नही है।
वही एसपी सिटी मानुष पारिक द्वारा पूछताछ की गयी तो डॉक्टर ने बताया कि उन्हें एक फोन आया और बताया गया कि आपका आधार कार्ड मुम्बई में हवाला कारोबार में नरेश गोयल व उसके पार्टनर ने प्रयोग कर कई राज्यों में घोटाला किया है,जिसकी जांच आरबीआई एवं सीबीआई से की जा रही है,अगर तुम उसमें फंसना नहीं चाहते हो,तत्काल अपनी पासबुक व अन्य रिकार्ड लेकर कही पर होटल में तीन दिन के लिए शिफ्ट हो जाओ और फोन मत काटना,तुम्हारे घर के पास सीबीआई पहुंच गयी है।
वह तुम पर नजर रख रही है,यह बात किसी से मत बताना और जो कहा जाये उसे फॉलो करना,उन्ही के दिये गये निर्देशो के अनुसार वह कार्य कर रहे थे और अब तक साइबर अपराधियों को अपने तीन बैंक खातों की डिटेल उन्हे नोट कराई है,जिसमें लगभग 50 लाख की धनराशि है,उनके द्वारा अब एक मैसेज डालकर बैंक का आईएफसी कोड एवं डिजिटल कोड पूछा जा रहा था,जिसे वह बताने वाला था कि आप लोगो ने दरवाजा खुलवा दिया,इस प्रकार सात घण्टे तक डिजिटल अरेस्ट रहे डॉक्टर को बरेली पुलिस ने 50 लाख की ठगी से बचा लिया।