अदालत ने तीस साल बाद दो आरोपियों को किया दोषमुक्त
बरेली– हत्या के मुकदमे में तीस साल बाद अदालत ने दो आरोपियों को दोषमुक्त किया है, जबकि एक आरोपी की मुकदमे की सुनवाई के दौरान मौत हो गई है, हत्या के इस मुकदमे में कई बार तो खुद वादी पक्ष पर ही सवालिया निशान लगे,इससे उसे भारतीय जीवन बीमा कंपनी ने क्लेम नहीं दिया,हाफिजगंज थाना क्षेत्र के कस्बा सेंथल के रहने वाले रईस ने हल्द्वानी में भाई इदरीश की गुमशुदगी दर्ज कराई थी,दिये गये प्रार्थना पत्र में कहा था कि उसका भाई इदरीश हल्द्वानी में ठेला लगाकर स्पोर्ट्स का सामान बेचता था, हल्द्वानी में वह धर्मशाला में रहता था।
10 अगस्त 1994 को जब वह भाई के पास गया,तो वहां उसका ठेला खड़ा मिला, इदरीश का कोई पता नहीं चला, सेंथल के नवाब हुसैन, शरीफल,नायाब हुसैन रुपयों को लेकर रंजिश चल रही थी,25 अगस्त 1994 को भोजीपुरा में पचदौरा के जंगल में ईख के खेत एक कंकाल मिला था,पास में कपड़े पड़े हुए थे,रईस ने बताया कि कपड़े उसके भाई इदरीश के हैं,उसके भाई की नवाब,शरीफल व नायाब हुैसन ने हत्या कर लाश यहां फेंक दी,आरोपियों की तरफ से अधिवक्ता अमजद सलीम ने अदालत में कहा कि रईस की रुपयों के लेनदेने को लेकर कई लोगों से रंजिश चल रही है,
मुकदमे की सुनवाई में यह तथ्य भी आया कि खुद रईस ने अपने भाई का बीमा कराकर उसका नॉमिनी अपनी पत्नी को बनाया था,भारतीय जीवन बीमा कंपनी का कहना था कि रईस ने इदरीश के कत्ल का झूठा मुकदमा लिखवाया है,बीमा कंपनी ने बीमा निरस्त कर दिया जिस कारण मामला और संदिग्ध हो गया,इधर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया कि हत्या का कारण स्पष्ट नहीं है,चूंकि महज कंकाल मिला था,घटना का कोई साक्षी नहीं था,अभियोजन पक्ष अदालत में आरोपियों को दोषी सिद्ध करने में नाकाम रहा,वही सुनवाई के दौरान आरोपी नायाब हुसैन की मौत हो गई।